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Showing posts from January, 2014

मेरी सबसे फेवरिट हस्ती....

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मेरी सबसे फेवरिट हस्ती.... सुनते आ रहे हैं कि नारी के रूप में धरती पर जन्म लेना बड़े ही सौभाग्य की बात है नारी को सारी कलात्मकता , सारे संस्कार और गुणों का ज्ञान होता है , तभी तो नारी अपने आपको दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित कर पाती है ! इसीलिए तो नारी को प्रकृति स्वरूपा कहा जाता है ! हम भारतीय नारियों के मन में आपने निश्चित रूप से एक आदर्श बहू, एक आदर्श बेटी, एक आदर्श पत्नी के साथ-साथ राजनीति में एक “सफल नेत्रत्व” के किरदार को बखूबी निभाया है आपने अपनी इन खूबियों के माध्यम से भारतवर्ष में जन्मी उन प्रतिभाशाली नारियों के इतिहास की चमकती झलक उत्पन्न की है आपने भारतीय नारी के एक ऐसे आदर्शमयी चित्र को फिर से स्थापित किया है जो पिछले कुछ दशकों से बाजारवाद के अंधड़ में कहीं धुंधलाता जा रहा था ! वो कहते है कि ..... हे नारी, तेरे जलवों ने  समुन्दर को भी मथ डाला  उठ गये जो पग तेरे  असम्भव को संभव कर डाला  आधियों की क्या हस्ती है  बवंडर तेरी बैशाखी पे टिक बैठा  फिर इन अधेरों की क्या जुर्रत  है सूर्य सा तेज़ तेरे गर्भ से गुजरता 

तोता बोलता भी है ...(सच का आइना)

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बॉक्स .....  नाम “ मौन” मोहन जी अब आपने बोलना शुरू किया है तो बोलते ही रहिये भले ही २०१४ के चुनाव में पार्टी को लाभ पहुँचाने के लालच में बोलें......   देखा जाये तो हमारे महान अर्थशात्री व हमारे देश के प्रधानमंत्री  “ मौन मोहन” ने गत दिनों पाकिस्तानी सेना द्वारा नियन्त्रण रेखा पर दो भारतीय सैनिकों (शहीद हेमराज और शहीद सुधाकर) की  बर्बरता पूर्वक की गई हत्या पर एक सप्ताह उपरान्त मौन तोड़ते हुए कहा कि “दो भारतीयों की जघन्य हत्या के बाद पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य नहीं रह सकते. इस वीभत्स घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही होनी चाहिए”. देश में जश्न और बधाई का कारण ये नहीं है कि प्रधानमंत्री जी के इस ब्यान के बाद पाकिस्तान अपने नापाक इरादों पर विराम लगा देगा या भारतीय सरकार अकारण हो रहे देश की संतानों की असमय मृत्यु पर कुछ गंभीर निर्णय लेगी बल्कि देश में उत्साह का माहौल इसलिए है कि हमारे “मौन मोहन” प्रधानमंत्री बोलते भी हैं. पिछले दिनों देश में घटी अनेक घटनाओं और जन-आन्दोलन जैसे बाबा रामदेव का ब्लैक-मनी वापसी पर आधी-रात चोरी छिपे बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं व आम-ज