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Showing posts from November, 2017

गन्ना किसानों की पीड़ा......

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गन्ना किसानों की पीड़ा... 185 ग्राम का पैकेट है , 39/- रूपये का ये गन्ना है , छिला हुआ , कटा हुआ , पैकेटबंद और रिलायंस के मॉल में बिक रहा है । देखा जाए तो इस हिसाब से इसकी कीमत हुई 2,10,810/- रूपया प्रति टन । लेकिन जो इस देश के अन्नदाता हैं जिनकी रात दिन की मेहनत से हम जीवित रहते हैं वही किसान लोग 3250/- प्रति टन के लिए अपनी जान दे रहे हैं , वो भी उधारी में , और ऊपर से ये कि पैसा साल भर के भीतर मिल जाए तो बहुत बड़ी बात l कमी कहाँ और किसमे है ? ये विचारणीय है l आज गाँव मे रहने वाला हर युवा नेट से जुड़ा है हर तरह की जानकारी उसके पास है बाहर बहुत आकर्षण है और खेती मे हाडतोड मेहनत के बाद भी जीवन यापन के लाले हैं l इन हालातों को देखते हुए  अगर आने वाली पीढ़िया खेती से विमुख हो गई तो कौन ज़िम्मेदार होगा ? और ऐसे कब तक हम कृषि प्रधान बने रहेंगे ? गन्ने से हजारों करोड़ रूपये कमाने वाली सरकार की झोली तो भर जाती है परन्तु कड़वी सच्चाई ये है कि गन्ना किसानों की बदहाली चरम पर है l  इतने साल देश को आज़ाद हुए हो गए तो फिर देश मे क्यू नही एक सही व्यवस्था का निर्माण हुआ ? बस बिचौलिँए मलाई ख

जनाब मुर्तजा अली से: एक मुलाक़ात ....

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जनाब मुर्तजा अली से: एक मुलाक़ात .... मादक पदार्थों के बढ़ते सेवन से आये दिन होने वाली मौतों को मद्देनजर रखते हुए "शराबबंदी संघर्ष समिती उत्तर प्रदेश ” के अध्यक्ष जनाब मुर्तजा अली ने जनहित के लिए कई संस्थाओं के साथ मिलकर एवं संगठन नशामुक्त अभियान का संचालन कर उत्तर प्रदेश को नशामुक्त करने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं l "शराब बंदी संघर्ष समिती उत्तर प्रदेश ”  का प्रयास है कि नशीले पदार्थो की आपूर्ति को रोका जाये l शराबबंदी संघर्ष समिति के अध्यक्ष जनाब मुर्तजा अली ने अपने कार्यों से आम-जन पर होने वाले अन्याय व अत्याचारों पर अंकुश लगाने का काम किया है निश्चित ही शराबबंदी संघर्ष समिति आम-जन के विश्वास का पर्याय बन चुका है l आइये जनाब मुर्तजा अली जी से मिलकर उनके कुछ विचार जानते हैं l सौरभ दोहरे : सर, आजमगढ़ : रौनापार के केवतहिया , रसूलपुर व सलेमपुर में जहरीली शराब से मरने वालों की बढती संख्या को देखकर पूरे तहसील क्षेत्र में दहशत का माहौल था । जिसके चलते सीएम के निर्देश पर डीएम ने थानाध्यक्ष रौनापर , इलाके के सब इंस्पेक्टर समेत तीन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और
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“बांस की सवारी” तो फिर घमंड किस बात का जनाब...! ज़िन्दगी भर की ऐंठन 5 मिनट में राख़ हो जाती है!! आप चाहें जितननी मंहगी से महंगी कार को खरीद लें लेकिन अंत में “बांस की सवारी” ही साथ देती है l इसलिए इस बात को बखूबी समझ लीजिये कि जो “राम-राम” कहता है , या जो “अल्लाह-अल्लाह” कहता है , राम कहने वालों को सूर्य उतनी ही रौशनी देता है जितनी कि अल्लाह कहने वालों को देता है l और वे लोग जिन्होंने कभी ईश्वर में विश्वास ही नहीं किया उनको भी सूर्य रौशनी , चाँद चांदनी देता है , प्रकृति हवा-पानी यानि कि सब कुछ बराबर मिलता है तो फिर आप कौन होते हैं जाति और धर्म का बटवारा करने वाले l  जिसको हमने अनुभव नहीं किया , वो हमारी समझ से परे है यानि हम उसे समझ नहीं सकते l मैं मानती हूँ कि व्यक्ति को अपने समाज , संस्कृति और देश पर नाज होना चाहिए है। और साथ ही स्वयं पर गर्व होना चाहिए। इससे हमारे अंदर स्वाभिमान पैदा होता है। यह आत्मविश्वास जगाता है और आत्मसम्मान दिलाता है। हमें गर्व करने में तो कोई हर्ज नहीं मगर प्रजातंत्र की जो हालत है उसको बताने की आवश्यकता नहीं। बस भीड़तंत्र है जिसमें “जिसकी लाठी उ
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सरकार द्वारा शराब बेचने का निर्णय राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण फैसला : मुर्तजा अली शराबबंदी संघर्ष समिति के अध्यक्ष जनाब मुर्तजा अली ने शराबबंदी की मांग कर रहीं महिलाओं को  संबोधित करते हुए एक मीटिंग के दौरान कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता याहन की जम्हूरियत के स्वास्थ्य की होनी चाहिए l जबकि , सरकार लोगों को शराब बेच कर उन्हें मौत के मुंह में धकेल रही है। जहां एक ओर आप सभी बहिनें शराबबंदी लागू करने की मांग को लेकर आवाज़ उठा रही हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार स्वयं इस जहरीली वस्तु की दुकान खोलकर यहाँ की आवाम पे अत्याचार कर रही है l शराब के कारण जहां समाज में बिखराव हो रहा है वहीं आपराधिक घटनाएं व महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें बढ़ रही है। शराब के कारण ही आज हजारों गरीब परिवार भयंकर रूप से कई परेशानियों से जूझ रहें है। क्यूंकि शराब सभी बुराइयों की जड़ है l ये हमारे नैतिक , आर्थिक और सामाजिक जीवन का पतन कर देती है शराब हर वर्ग को प्रभावित करती है अगर सरकार इस पर रोक लगा दे तो कोई समस्या ही नही होगी l कई नामी स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि जितने भी मरीजों में कैंसर , क्षय रोग या

इंसानियत मर चुकी है, खौफ बढ़ता जा रहा है...

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इंसानियत मर चुकी है , खौफ बढ़ता जा रहा है... इस देश की जम्हूरियत आँखों पर पट्टी , कानों पर ऊँगली और मुंह पर हाँथ धरे बैठी है l ये कैसा हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अंधे बनकर लोग इसे मसीहा समझते हैं l जिस शख्स को गुजरात में तड़ीपार घोषित किया गया हो वो भारत के सबसे भ्रष्ट नेताओं में शीर्ष पर बैठा है अपने काले कारनामों के जरिये देश को पतन की ओर धकेल रहा है l अपनी गन्दी पॉलिसी के तहत छांट छांट कर एक से एक अजूबों को यहाँ का सर्वे सर्वा बना दिया है l जो घंटा बजाता था वो दीयों और मूर्ती मूर्ती खेल रहा है l  वो एक स्टेट को क्या दे सकता है  l   जनता जाए भाड़ में , इन्हें क्या फर्क पड़ता है l  ये तो बस आवाम को ऊँचे ऊँचे ख्वाब दिखाकर अपना वोट बैंक मजबूत करना चाहते हैं l देश में क्या हो रहा है इन्हें इसकी सुध नही है l दिन दहाड़े महिलाओं के साथ बलात्कार व हत्या जैसे अपराध हो जाते हैं फिर भी योगी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती l आए दिन महिलाओं पर होने वाले अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा मामले दुष्कर्म के हैं। इन मामलों की फ़ेहरिस्त बहुत लम्बी है और इसमें अनेकों बल