Posts

Showing posts from March, 2013

आतंकवाद के सामने हमारी सरकार बेबस और असहाय क्यों?{सच का आइना}...

Image
आतंकवाद के सामने हमारी सरकार बेबस और असहाय क्यों?{सच का आइना}.... बॉक्स.......क्यों आतंकी हमलों के बाद सरकार अपना पूरा ध्यान पकिस्तान के आतंकी संगठनों पर लगा देती है ? सरकार ये क्यों नही सोचती कि इस तरह के आतंकी हमले स्थानीय सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकते...............   आतंकी दिन प्रति दिन सीधे भारत की आत्मा पर ही हमला कर रहे है आतंकवाद के इस भयानक तरीके ने दुनिया भर को हिला कर रख दिया है. क्या आतंकवाद का कोई रंग होता है ? क्या कोई जाति या विशेष धर्म या मजहब होता है ? जब भी किसी आतंकी ने आतंक फैलाया तो पूरी दुनिया गवाह बनी है खून से सने फर्श पर बिखरे काँच और मासूम लोगों की लाशों के बीच होती गोलियों की बौछार की , बम के धमाकों की, धुंएँ से उठी धुंध की, बदहवासी में जान बचा कर भागते लोगों की, चारों ओर चीख पुकार की आवाजें, दर्द से कराहते लोग और सीमित हथियारों पर अदम्य हौसले से आतंकी हमले का मुकाबला करते सुरक्षाकर्मी. देखा जाए तो जेहाद के नाम पर ये दहशतगर्द देश की शान्ति को भंग करने के साथ-साथ मासूम लोगों की जानें लेते हैं. कल्पते-बिलखते मानव और विस्फोट के बाद उड़

निवारण, निरोध एवं निपटान विधेयक यौन अपराधों को रोक पायेगा क्या ? {सच का आइना}

Image
निवारण , निरोध एवं निपटान विधेयक यौन अपराधों को रोक पायेगा क्या ?........ बॉक्स....... स्त्री के प्रति दोयम दर्जे के व्यवहार की बानगी दुनिया के प्रत्येक शहर के कोने-कोने में देखने को मिलती है.   दुष्ट, पापियों की तेजाबी निगाहों से जलती महिलायें कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं................... पिछले दिनों दिसम्बर माह में दिल्ली में गैंगरेप की जो भयावह घटना हुई उससे पूरे देश का सिर शर्म से झुक गया. भारत ही नहीं संसार के प्राय: सभी देशों में इस घृणित घटना की घोर निन्दा हुई. जन आक्रोश को देखते हुए भारत में महिलाओं को किस प्रकार सुरक्षा प्रदान की जाए और उसके लिये कानून में क्या प्रावधान हो इस दृष्टिकोण से सरकार ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे.एस. वर्मा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति ने देश विदेश से आए हुए 80 हजार सुझावों का अध्ययन किया और 29 दिनों के भीतर ही अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत कर दी.   दिसम्बर माह में दिल्ली में हुए इस घृणित गैंगरेप की घटना के बाद देश में ऐेसी अनेकों घटनाएं हुईं जो आए दिन समाचारपत्रों तथा इलैक्ट्रानिक मीडिया की सुर्खिय