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Showing posts from June, 2018

जीवन की वास्तविकताओं से बेखबर है आज का युवा वर्ग ....

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जीवन की वास्तविकताओं से बेखबर है आज का युवा वर्ग . ... बलात्कार की घटनाओ पर काबू पाने के लिये अन्य उपायो के साथ साथ शराब की बिक्री पर भी रोक लगानी चाहिये l शराब इंसान को ही नही बल्कि उसकी आत्मा का भी नाश कर देती है इसके नशे मे इंसान को कुछ भी भला और बुरा नही सूझता ..... आधुनिक युग के नौजवान , जीवन की वास्तविकताओं से बेखबर हो , अनजान रास्तों की भूलभुलैयों में भटक कर रह गये हैं l युवाओं को दूध से ज्यादा शराब भाने लगी है। युवाओं में शराब के प्रति बढ़ता क्रेज समाज व परिवार के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। शराब के नशे में युवा पीढ़ी बर्बाद होती जा रही है। देश का युवा तबका अब कम उम्र में ही मयखाने का दरवाजा तलाश रहा है. देश में बढ़ते सड़क हादसों की यह एक प्रमुख वजह है l दुनिया भर में शराब पीना मौत और अपाहिज होने का पांचवा सबसे प्रमुख कारण बन गया है l एड्स , हिंसा और क्षय रोग की वजह से जितनी जानें जा रही हैं , उनसे ज्यादा जानें शराब पीने की वजह से जा रही हैं l कहा जाता है कि किसी भी राष्ट्र   का विकास वहां के युवाओ पर निर्भर करता , है जिस देश के युवा जितने ज्यादा   जागरूक जोश ज

आँगन की किलकारी... ( एक कहानी )

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आँगन की किलकारी... ( एक कहानी ) “नाम काल्पनिक” मेरी नन्ही सी गुडिया तृप्ति की किलकारियां जब मेरे घर मे गूंजी , बस खुशिया ही खुशीया चारों ओर छायी थी, जैसे लगता हो कि मेरा बचपन मुझे मिल गया हो l प्यारी-प्यारी बातें और खेल तमाशे, कभी हंसना ,  रुठना , फिर कभी मुझे मनाना, छोट छोटे पैरों से ठुमक - ठुमक कर चलना, कभी शरारतों से मन गुद्गुदाना , कभी इठलाना, कभी छोटे भाई को दुलारना, ना जाने कितनी ऐसी सुनहरी यादें हैं जिन्हें बेटी एक पल में पराया कर इक नई जिन्दगी को गले लगाती है l पैदा होने से विदाई तक वो अपनी माँ के आँचल में अपने आपको सहेजती है और अचानक ही एक दिन वो किसी के आँगन की खुशी बन जाती है l कहते हैं माता पिता से बड़ा दिल इस दुनियां में किसी के पास नहीं है, वे अपने जिगर को किसी और के घर का चिराग रौशन करने भेज देते हैं l ....बस यही उम्मीद लिए माँ रहती है कि पराये आँगन की बुलबुल बनने के बाद उनकी बेटी सदा खुश रहेगी l  इतना नाज़ुक और इतना भावनापूर्ण है कि दोनों एक दुसरे की जान हैं। बेटी अगर दुखी तो इक माँ खून के आंसू बहाती है और इक माँ अगर दुखी हो तो बेटी का दिल रोता है .दोनो

युगो-युगों की जंग इतनी जल्दी कैसे समाप्त होगी क्यूंकि तमाम विभीषण पैदा हो गये है. ( सत्य घटना )

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युगो-युगों की जंग इतनी जल्दी कैसे समाप्त होगी क्यूंकि तमाम विभीषण पैदा हो गये है . ( सत्य घटना ) आज से दो साल पहले से मेरे खिलाफ ही मेरी एक दोस्त द्वारा षड्यंत्र रचा जा रहा था जिसे मैं समझ ना पाई । अपनी उस दोस्त की हर गलत बात को मैं सही समझती थी मुझे ऐसा लगता था कि मेरी दोस्त कभी गलत नही हो सकती और वो चाहें किसी को कुछ भी कह ले पर मेरा कभी अपमान नही करेगी । इसी विश्वास के सहारे मैं अपने दिल की हर बात उससे शेयर कर लेती थी । कभी भी मैंने उससे किसी की बुराई नही की ना कभी किसी के खिलाफ बोला , क्योंकि मुझे हमेशा ईश्वर पर भरोसा रहा है । अगर कोई मुझे कुछ सुना भी जाता तो मैं ये सोचकर सहन कर लेती थी कि “ईश्वर के घर देर है अंधेर नही l” मैं हमेशा बोझिल होते हुए माहौल को अपने उपर मजाक बनाकर हंस और हंसा देती l मेरी सुबह 5 बजे उसके साथ होती थी हम दोनों लम्बी दूरी तय करके टहलने जाते थे इसी बीच हम दोनों दिल के गम हल्के करते और टहल कर 7 बजे तक वापस आ जाते । मेरे पास ऑफिस के कामों की जिम्मेदारी के अलावा घर के भी कार्य होते थे , इसलिए समय कम मिल पाता था l इसी बजह से मैं दिन में उससे कभी

नारी है तो कल है.....

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नारी है तो कल है..... आज के इस मॉडर्न युग में महिला और पुरुष में कोई अंतर नहीं है l   दोनों ही एक दूसरे को कांटे की टक्कर देने में सक्षम हैं | आधुनिक युग में नारी पुरुष से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो या सामाजिक या व्यवसायिक या वैज्ञानिक या कला का क्षेत्र , नारी हर क्षेत्र में अपना एक अलग स्थान बना चुकी है। आज महिलाओं ने कई क्षेत्रों में भरपूर सफलता हासिल की हैं | महिलाओं की कर्मशीलता ही उनके सक्षम होने का सबूत है | आज भी महिलायें हमारे समाज की शान मानी जाती हैं | महिलाएं प्रशासनिक क्षेत्रों में भी आज पुरूषों से आगे निकल रही है। देश के विकास में महिलाओं ने जो भागीदारी सुनिश्चित की है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। हिंदी सिनेमा हो या राजनीति पूरी दुनिया में भारतीय महिलाओं ने देश का नाम रौशन किया है l हर तरफ देश की नारियों का ही बोल-बाला रहा है l पहले पुलिस की नौकरी में महिलाएं आने से हिचकती थी। हालांकि अब यह भ्रम टूट गया है। आज अपने-अपने क्षेत्रों में नए-नए कीर्तिमान रचकर इस देश कि महिलाओं ने ये साबित कर दिया है कि वो किसी भी तरह से पुरुषों से कम