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Showing posts from January, 2013

“सपा” सुप्रीमों भेंट करेंगे, बेटे को एक हसीं तोहफा (सच का आइना).

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     “सपा” सुप्रीमों भेंट करेंगे, बेटे को एक हसीं तोहफा (सच का आइना).... बॉक्स...... हालातों को देखते हुए सपा सुप्रीमों ने उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से “दिल्ली पर कब्जे” की मुहिम शुरू कर दी थी. अब सपा सुप्रीमों को उस दिन का इन्तजार है जब “पंजे” को अपनी गिरफ्त में लेते हुए वो उत्तर-प्रदेश के युवराज को एक हशीन तोहफे के रूप में दिल्ली भेंट करेंगे....... लखनऊ {लोकजंग-ब्यूरो} .......... बीजेपी-कांग्रेस की नाजुक होती हालत... देखा जाये तो अभी हाल ही में हुई “सपा” की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में “सपा” सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश सरकार के मंत्रियों की और सपा कार्यकर्ताओं व नेताओं की क्लास लेते हुए उन्हें अच्छे आचरण की नसीहत दे डाली. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर-प्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्तारूढ़ होने के बाद से ही “सपा” राष्ट्रीय राजनीति में अपनी केंद्रीय भूमिका पाने के लिए “अभी नहीं तो कभी नहीं” की मुद्रा में मैदान में आ चुकी है.  और अब   “सपा” सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को जब तक मंजिल नहीं मिल जाती तब तक इस

कांग्रेस का समाजवादी प्रेम (सच का आइना).....

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कांग्रेस का समाजवादी प्रेम (सच का आइना)..... बॉक्स...... एक तो कांग्रेस व मुलायम के प्रेम सम्बन्ध पुराने होने के कारण दोनों ही एक दूसरे की अन्दर तक की बात भली-भांति जानते हैं कि किसे कब कितना कौन सा बटन दबाना है जिससे प्रेम की बगिया महक उठे.... कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का ये प्रेम प्रसंग कोई आज का नहीं है बल्कि बहुत पुराना है. स्वर्गीय राजीव गांधी ने जब देश की बागडोर संभाली और उत्तर-प्रदेश की राजनीति को जातिवाद व बदले की राजनीति में तब्दील होते देखा तभी उनकी नजरें मुलायम सिंह के चार हुई और “अजब प्रेम की गजब कहानी” का उदय हुआ. मुलायम सिंह यादव उत्तर-प्रदेश की राजनीति में दवदबा भी स्वर्गीय राजीव गाँधी के प्रेम के चलते ही बना पाए हालांकि कांग्रेसियों व सपाई कार्यकर्ताओं में सदैव ही छत्तीस का आंकड़ा रहा है. स्वर्गीय राजीव गाँधी के मुलायम समर्थन के मुद्दे पर भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने खूब छाती पीटी परन्तु पार्टी प्रमुख ने समाजवादी प्रेम के वशीभूत होकर अपने कार्यकर्ताओं की सारी दलीलें व् दुहाईयों को दरकिनार कर दिया. लेकिन ऐसा भी नहीं कि कांग्रेस का ये समाजवादी प्रेम एकतरफ

आपसी फूट,अविश्वास,बिखराव,अनुशासनहीनता का नाम है भाजपा (सच का आईना )

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आपसी फूट , अविश्वास , बिखराव , अनुशासनहीनता का नाम है भाजपा (सच का आईना ) बॉक्स ...... देखा जाए तो भारत में गठजोड़ बनाकर सत्ता संभालने वाली भारतीय जनता पार्टी इन दिनों एक दु:खद अंतर्कलह से ग़ुजर रही है. “ भाजपा ” साख वाले विपक्षी दल के रूप में मात्र एक दिखावा रह गई है.................. ताज तो मिल गया नरेंद्र मोदी को. लेकिन लिपटा है बेशुमार काँटों से. कुछ तो वक्त की चाल से और कुछ राष्ट्रीय राजनीति के दुश्मनों से. अब सामने चुनौती है नरेंद्र मोदी के, कि उनकी बीच भंवर में डगमगाती पार्टी की नैया कैसे पार लगे. अनुशासनहीनता , आपसी फूट , अविश्वास , बिखराव और कार्यकर्ताओं में घनघोर निराशा के बीच “भाजपा” में पनप रहे हैं तरह-तरह के षड्‌यंत्र और “भाजपा” के नेता हैं एक दूसरों के प्रति किये षड्‌यंत्रों से अन्जान. जैसे संजय जोशी से इस्ती़फा लेने के वक्त बैठक में लालकृष्ण आडवाणी और अरुण जेटली के न होने पर सुरेश सोनी का ये कहना कि संजय जोशी कार्यकारिणी में रहें या न रहें , लेकिन नरेंद्र मोदी का रहना ज़रूरी है , क्योंकि नरेंद्र मोदी न केवल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं , बल्कि “भाजपा” के ह