इंसानियत मर चुकी है, खौफ बढ़ता जा रहा है...
इंसानियत मर चुकी है, खौफ बढ़ता जा रहा है...
इस देश की
जम्हूरियत आँखों पर पट्टी, कानों पर ऊँगली और मुंह पर हाँथ धरे बैठी है l ये कैसा हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अंधे बनकर लोग इसे मसीहा समझते हैं l जिस शख्स को गुजरात में तड़ीपार घोषित किया गया हो वो भारत के सबसे भ्रष्ट
नेताओं में शीर्ष पर बैठा है अपने काले कारनामों के जरिये देश को पतन की ओर धकेल
रहा है l अपनी गन्दी पॉलिसी के तहत छांट छांट कर एक से एक अजूबों को
यहाँ का सर्वे सर्वा बना दिया है l
जो घंटा बजाता था वो
दीयों और मूर्ती मूर्ती खेल रहा है l वो एक स्टेट को क्या दे सकता है l जनता जाए भाड़
में, इन्हें क्या फर्क पड़ता है l ये तो बस आवाम को ऊँचे ऊँचे ख्वाब दिखाकर अपना वोट बैंक
मजबूत करना चाहते हैं l देश में क्या हो रहा है इन्हें इसकी सुध नही हैl दिन दहाड़े महिलाओं के साथ बलात्कार व हत्या जैसे अपराध हो जाते हैं फिर भी
योगी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगती l आए दिन महिलाओं पर होने
वाले अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा मामले दुष्कर्म के
हैं। इन मामलों की फ़ेहरिस्त बहुत लम्बी है और इसमें अनेकों बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती व दंगों के मामले
हैं। योगी राज में बेखौफ अपराधी ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
इस देश की गरीब
और असहाय आवाम आज रोटी रोटी को मोहताज़ है l यहाँ कभी आंगनवाड़ी
महिलाओं पर योगी की पुलिस द्वारा बेरहमी से लाठियां बरसाई जातीं हैं, कभी सूखे खेतों में पानी मांग रहे किसानों को बदले में नंगा करके पीटा जाता है
! कभी बीजेपी का नेता नकली नोटों के साथ पकड़ा जाता है, कभी उत्तर प्रदेश भाजपा नेताओं की गाड़ी से अवैध शराब पकड़ी जाती है, कभी इनके नेता रातों को स्टेज शो करवाकर शराब के नशे में फूहड़ डांस करते नजर आ
जाते हैं l और तो और डेढ़ रुपये की दवा को 400 रुपये में
बेचा जाता है और गरीब का बच्चा उलटी दस्त से मर जाता है, कभी पुलिस प्रशासन के सामने ही भाजपा के नेताओं द्वारा शिलापट तोड़ा जाता है, सत्ता के लालच में इस सरकार ने युवाओं को अपनी साजिश का शिकार बनाने में कोई
कसर नहीं छोड़ी है देश को भगवाकरण की ओर धकेल रहे आका कुछ देख नहीं पा रहे हैं।
भाजपा का दावा था कि सरकार बनाते ही क़ानून व्यवस्था में तुरंत सुधार आ जाएगा और
45 दिन में सभी अपराधी जेल की सलाखों के पीछे होंगे। फिर क्या हुआ उन वादों का.
आज भी देश में
इतनी बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रहे हैं, लेकिन देश के नेताओ और प्रशासको को कोई परवाह नहीं है बल्कि सरकार तो इसके ऊपर
और पर्दा ही डालने का प्रयास करती है अगर सरकारी आंकडो को देखें तो देश के २७
प्रतिशत लोग १२ रुपये प्रतिदिन से भी कम पर गुजारा कर रहे हैं और कितने तो उससे भी
दयनीय हालात में हैं l सरकारी राशन इन लोगों तक पहुँच नही पाता है
भुखमरी की हालत में जिन्दा नहीं रह पाते तो सरकारी दस्तावेजो में उनकी मौत का कारण
भूख को न बताकर पेट की बीमारी या कुपोषण को कारण बताया जाता है l अगर सरकार का जोर चले तो ट्रेन,
प्लेन या अन्य दुर्घटनाओं
पर भी पर्दा डाल सकती है लेकिन यह उसके बस की बात नहीं है.
एक से एक छटे हुए
भरे पड़े हैं इस सरकार में l
रुपया कमाने की होड़ में
सारे बुरे कार्य कर रहे हैं l कोई नाचने वालियों के साथ रातें रंगीन कर रहा
है, कोई शराब और शबाब में डूबा है, किसी से जरा सी चूक हुई तो मार दी गोली और अगर किसी ने हक़ के लिए आवाज़ उठाई तो
पुलिस से लाठियां बरसवा दी l पुलिस ने लाठी लाठी के खेल में महिलाओं के
अंगों को भी नोंच डाला, कभी चोटी पकड पकड के घसीटा, मारते मारते वस्त्रविहीन भी कर दिया, बेचारी महिलायें हाँथ
जोड़तीं रही कि छोड़ दो मुझे लेकिन इस सरकार की गुलाम पुलिस ने एक ना सुनी.
इससे आम जनजीवन
में असुरक्षा का भाव आ गया है, प्रदेश में बलात्कार की घटनाएं गिरते हुए कानून
व्यवस्था का उदाहरण है, ऐसे में योगी सरकार को ऐसी ठोस कार्यवाई करनी
चाहिए, जिससे भविष्य में फिर ऐसी घटनायें ना हो सके.
सुनीता दोहरे
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