मेरी सबसे फेवरिट हस्ती....
मेरी सबसे फेवरिट हस्ती....
सुनते आ रहे
हैं कि नारी के रूप में धरती पर जन्म लेना बड़े ही सौभाग्य की बात है नारी को सारी
कलात्मकता, सारे संस्कार और गुणों का ज्ञान होता है, तभी तो
नारी अपने आपको दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित कर पाती है ! इसीलिए तो नारी को
प्रकृति स्वरूपा कहा जाता है !
हम भारतीय नारियों के मन में आपने निश्चित रूप से एक
आदर्श बहू, एक आदर्श बेटी, एक आदर्श पत्नी के साथ-साथ राजनीति में एक “सफल
नेत्रत्व” के किरदार को बखूबी निभाया है आपने अपनी इन खूबियों के माध्यम से
भारतवर्ष में जन्मी उन प्रतिभाशाली नारियों के इतिहास की चमकती झलक उत्पन्न की है आपने
भारतीय नारी के एक ऐसे आदर्शमयी चित्र को फिर से स्थापित किया है जो पिछले कुछ
दशकों से बाजारवाद के अंधड़ में कहीं धुंधलाता जा रहा था !
वो कहते है कि .....
हे नारी, तेरे जलवों ने
समुन्दर को भी मथ डाला
उठ गये जो पग तेरे
असम्भव को संभव कर डाला
आधियों की क्या हस्ती है
बवंडर तेरी बैशाखी पे टिक बैठा
फिर इन अधेरों की क्या जुर्रत
है सूर्य सा तेज़ तेरे गर्भ से गुजरता
तू अगर सोच ले तो आसमां झुक जाएगा
चीर दे
पत्थर का सीना गम नजर न आएगा
पहचान सके जो आज न तेरी काबिलियत
कल उन सबका सर तेरे सामने झुक जायेगा........
...............सुनीता दोहरे..............
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