टूटता कांच बिखरता नारी का अस्तित्व ( सच का आइना )
टूटता कांच बिखरता नारी का अस्तित्व ( सच का आइना ).. ..... बॉक्स........ वर्तमान में बलात्कार का ग्राफ चिंताजनक स्तर पर, कहीं पर जाति की दबंगई, कहीं पैसे की हनक, कहीं पुलिस प्रशासन की लापरवाही, कहीं नेताओं और अपराधी किस्म के निठल्लों के कारण सिसकता समाज, सिसकते परिवार और सिसकती है नारी....... भारत में इस समय सबसे ज्यादा जो अपराध हो रहा वह है बलात्कार व सामूहिक बलात्कार का. वर्तमान में इसका ग्राफ चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है. आज की तारीख में बलात्कार और भ्रष्टाचार ये दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे होने के साथ-साथ हमारे समाज में ज्वलंत और विचारणीय हैं कहीं पर जाति की दबंगई, कहीं पैसे की हनक, कहीं पुलिस प्रशासन की लापरवाही, कहीं नेताओं और अपराधी किस्म के निठल्लों के कारण सिसकता समाज, सिसकते परिवार और सिसकती है नारी....... कारण है कि संसार का निर्माण होते ही स्त्रियों को पुरुषों का गुलाम समझा जाने लगा. एक ही माँ से और एक ही प्रक्रिया से पैदा होने के बाबजूद उनेह कभी भी पुरुषों के समकक्ष स्थान प्राप्त नहीं हो सका. देखा जाये तो भारतीय संस्कृति में स्...