आतंकवाद के सामने हमारी सरकार बेबस और असहाय क्यों?{सच का आइना}...
आतंकवाद के सामने हमारी सरकार बेबस और असहाय क्यों?{सच का आइना}.... बॉक्स.......क्यों आतंकी हमलों के बाद सरकार अपना पूरा ध्यान पकिस्तान के आतंकी संगठनों पर लगा देती है ? सरकार ये क्यों नही सोचती कि इस तरह के आतंकी हमले स्थानीय सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकते............... आतंकी दिन प्रति दिन सीधे भारत की आत्मा पर ही हमला कर रहे है आतंकवाद के इस भयानक तरीके ने दुनिया भर को हिला कर रख दिया है. क्या आतंकवाद का कोई रंग होता है ? क्या कोई जाति या विशेष धर्म या मजहब होता है ? जब भी किसी आतंकी ने आतंक फैलाया तो पूरी दुनिया गवाह बनी है खून से सने फर्श पर बिखरे काँच और मासूम लोगों की लाशों के बीच होती गोलियों की बौछार की , बम के धमाकों की, धुंएँ से उठी धुंध की, बदहवासी में जान बचा कर भागते लोगों की, चारों ओर चीख पुकार की आवाजें, दर्द से कराहते लोग और सीमित हथियारों पर अदम्य हौसले से आतंकी हमले का मुकाबला करते सुरक्षाकर्मी. देखा जाए तो जेहाद के नाम पर ये दहशतगर्द देश की शान्ति को भंग करने के साथ-साथ मासूम लोगों की जानें लेते हैं. कल्पते-बिलखते मानव और विस्फोट के बाद...