जरा सोचिये... ये क्या कर सकते है ये तो हमसे भी ज्यादा लाचार हैं....(सच का आइना)

जरा सोचिये... ये क्या कर सकते है ये तो हमसे भी ज्यादा लाचार हैं....

ये हैं राहुल ये हमारे देश के भावी प्रधानमंत्री है जो पिछले आठ दिनों से स्पेन में गुलछर्रे उड़ा रहे थे और आज इनको सुध आई है कि इनके देश में आई विपदा के मारे कितने व्यथित और लाचार लोगों को इतनी मुसीबतों का सामना करना पड़  रहा है.
उत्तराखंड की सरकार और देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पिछले दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को हवाई सर्वे तक सीमित रखा था। शिंदे ने मुख्यमंत्री बहुगुणा को छोड़कर किसी भी वीआईपी को आपदा प्रभावित इलाकों में न जाने की सलाह दी थी। उन्होंने मोदी का नाम लिए बिना कहा था कि किसी मुख्यमंत्री को तो छोड़िए देश के गृहमंत्री को भी प्रभावित क्षेत्रों में लैंड करने की इजाजत नहीं है। रेणुका कहती है की वो कांग्रेस उपाध्यक्ष के नाते गये हैं लेकिन मैं कहती हूँ कि देश की जनता राहुल से ये सवाल पूछ रही है कि वो अभी तक कहाँ थे ? राहुल आखिर क्या साबित करना चाह रहे है ?  क्या राहुल के दौरा करने से लोगो की मुसीबते कम हो जायेगी ?
मैने देखा है न्यूज में आधी से जायदा सिक्योरिटी तो राहुल की रक्षा कर रही है. वो तो वहां कैमरे के सामने खड़े हो कर लोगो को दिखा रहे है कि में यहा हूँ और मेरे सिर्फ यहाँ आने भर से जितने भी पीड़ित है सबकी समस्या दूर हो जायेगी.
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जब इन नेताओ को चुनाव लड़ना होता हैं तो इनका मैनेजमैंट कमाल का होता हैं, हर गांव में कार्यकर्ता भेजते हैं और कार्यकर्त्ता ही क्यों खुद भी औंधे मुंह जाकर हाजिरी देते हैं. पर्चे बटवाते हैं. दारु पंहुचाते हैं, नोट बटवाते हैं, कंबल बटवाते है, लंगर लगवाते हैं यह सिलसिला लगभग महीने भर तो चलता ही है, हर गांव की पल-पल की खबर रखते हैं, पार्टी फंड से पैसा जाता हैं पर आज उन्ही गावों में आपदा आ रखी हैं तो कोई खबर ही नहीं है. ऊपर से चील और गिद्धों की तरह् हवाई दौरा करते हुए निकल जाते है फिर टी.वी पर मुस्कराते हुए ये कहते नजर आते हैं कि हालात ठीक हैं हमने सब ठीक कर दिया है राहत सामग्री भेजी जा रही है. 
मनमोहन सिंह जी आपका उत्तराखंड लिए सहायता मांगने का विज्ञापन आज ही मैंने पढ़ा था. पढ़कर गुस्सा तो बहुत आया पर मन में एक सवाल बार-बार मुझे कचोट रहा है कि ये आप ही हैं जो अपनी सरकार बचाने के चक्कर में हजारो करोड़ का पैकेज कई राज्यों को रेवड़ी की तरह बाँट देते हैं जैसे की मुलायम को ५७,८०० करोड़, नितीश को १२,००० करोड़, और जहाँ उत्तराखंड पर तबाही पर आफत आई है वहां मात्र १००० करोड़ जबकि इतनी बड़ी आपदा पर ये पैसा ऊंट के मुंह में जीरा. मनमोहन जी आप मौन बैठकर प्रधान मंत्री जैसे उच्च पद को क्यों कलंकित कर रहे है.  जब देश को आपकी मदद की जरूरत है उस समय भी आप मौन साध कर बैठे हैं.  मनमोहन सिंह जी अब भी आप मौन बने रहेंगे आपसे मेरी 'प्रार्थना' है कि, 'आपदा' में फंसे लोगों को 'इन्सान' समझ कर न सही तो 'वोट' समझ कर ही बचा लें..!....कम से कम उन्हें बचा तो लीजिये..........
सुनीता दोहरे ......








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