2014 बनने लगे हैं चुनावी रिश्ते ( सच का आईना )


2014 बनने लगे हैं चुनावी रिश्ते ( सच का आईना )

लगता है कि एन.डी.तिवारी ने बेहयाई का रिकॉर्ड तोड़ने का फैसला कर ही लिया है , कभी महिला मित्र के साथ नाजायज सम्बन्ध ,  कभी पितृ जिम्मेदारियों से इनकार ,तो कभी महिलाओं का शोषण और अब अभी तक शांत ना हो सकी अपनी राजनैतिक हवस की पूर्ती के लिए नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की तुलना समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से करना . अवसर था शनिवार
1 दिसंबर 2012 को उस मुलाक़ात का जिसका इन्तजार साईकिल      (सपा) व नारायण दत्त तिवारी को काफी लंबे समय से था. बंद कमरे में चली इस मीटिंग के ४० मिनट के बाद सभी के चेहरे खिले हुये थे हालांकि एन.डी.तिवारी ने इस मीटिंग को व्यक्तिगत मीटिंग करार दिया वहीँ दूसरी तरफ मुलायम सिंह यादव व अखिलेश सिंह यादव के जमकर तारीफों के पुल बांधे तो मुलायम सिंह यादव ने भी एन.डी.तिवारी के बगैर उत्तर-प्रदेश को अनाथ तक कह डाला. मोहब्बत के पैगाम और जाम दोनों ओर से दनादन चल रहे थे और लगता था कि जल्दी ही कांग्रेस के कुछ और नेता भी शायद इस नए रिश्ते के भागीदार बनेंगे. वैसे भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है और इन हालातों में
एन.डी.तिवारी सत्ता की लालसा मन में पाले हुये कुछ कांग्रेसियों और केन्द्र की सत्ता का स्वप्न देख रही समाजवादी पार्टी के बीच सेतु का काम कर सकते हैं. जैसे-जैसे 2014 के लोकसभा के चुनाव करीब आते जा रहे हैं राजनीति के ये सांप लगातार केंचुली बदलने में लग गये है. पिछले दिनों जिस प्रकार उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश सिंह यादव जी ने अपने पिता व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री मुलायम सिंह यादव जी के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के साथ बंद कमरे में जो मीटिंग की उससे यकीनन उत्तर प्रदेश के हित में कहें या ना कहे लेकिन इन सत्ता के दलालों के बीच पनपते अनुचित सम्बन्धों के हित में जरुर कह सकते हैं. काफी  समय से राजनीति हाशिए पर पहुँचे एन.डी.तिवारी ने जिस प्रकार सधे सधाए शब्दों में साईकिल (सपा) की तारीफ़ की लेकिन सोनिया गाँधी व राहुल गाँधी पर कुछ भी कहने से बचते रहे उससे एक बात तो समझ में आती है कि एन.डी.तिवारी दो नावों की सवारी कर रहे हैं या कहें कि कांग्रेस के साथ परदे के पीछे कोई खेल, खेल रहे हैं. अब ये तो समय बताएगा कि एन.डी.तिवारी भाई-भतीजा (मुलायम सिंह यादव, अखिलेश सिंह यादव) प्रेम आखिर क्या गुल खिलाएगा ......
       सुनीता दोहरे ..
         लखनऊ ....

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