कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी बने ( नाजायज दत्त तिवारी )( सच का आईना )
कांग्रेस के वरिष्ट नेता नारायण दत्त
तिवारी जो की उत्तर प्रदेश और
उतरांचल के मुख्यमंत्री भी रह चुके है ! आज
जबरदस्ती पिता करार दिए गए है
! जबरदस्ती में
इस लिए कह रही हूँ ! कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उनका डी.एन. ए
सेम्पल वेरीफाई करवाया है ! और उसमें वो
पोजिटिव पाए गए है !नारायण दत्त
तिवारी 87
बर्ष की आयु में पिता बनने के लिए मजबूर क्यों हुये ! ये एक
अहम् मुद्दा है ! और एक बहुत ही
महत्वपूर्ण सवाल है ! देश इस सवाल का
जवाब चाहता है ! दरअसल बीस साल पहले और इन
बीस सालों के सफ़र में नारायण
दत्त तिवारी महिलाओं के इर्द गिर्द मंडराते
रहे है ! और उनमें से एक
महिला का नाम उज्जवला शर्मा है !
पूर्व राज्यपाल रह चुके नारायणदत्त तिवारी 1967 में रोहित शेखर की माँ
उज्जवला शर्मा के संपर्क में आये थे ! उस
वक़्त उज्जवला शर्मा युवा
कांग्रेस की संयुक्त सचिव थी ! और
एन.डी.तिवारी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष
थे ! उज्जवला शर्मा को न जाने किस हालात
में और किसलिए नारायणदत्त तिवारी
ने गर्भवती कर दिया था ! उनके यहाँ जिस
लड़के ने जन्म लिया वो रोहित ही
था ! रोहित काफी अरसे से इस जंग को लड़ रहे
थे ! हालांकि कई पेंच बीच में
तिवारी ने अटकाये और ये सारी समस्याए कुछ
दुसरे एंगलों से आई ! और अंततः
तिवारी फंस गए ! 2008 में रोहित शेखर ने ये दावा करते हुये
दिल्ली
हाईकोर्ट में गुहार लगाईं ! कि एन.डी.
तिवारी उनके पिता है ! रोहित शेखर
के रास्ते में बहुत रोड़े आये ! पर निडर
होकर वो अपने हक के लिए लड़ते
रहे !
एन.डी. तिवारी डी.एन.ए. जांच से बचने के
लिए बार-बार आनाकानी करते रहे
वहीं, 23 सितंबर 2011 को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी एन.डी. तिवारी
के
पक्ष में फैसला सुनाया कि तिवारी को
डी.एन.ए. सैंपल देने के लिए मजबूर
नहीं किया जा सकता !
लेकिन बीते 27 अप्रैल 2012 को हाईकोर्ट ने ही अपने ही फैसले को पलटते हुए
कहा कि तिवारी को जांच करवानी ही पड़ेगी !
तिवारी के वकील इस फैसले के खिलाफ़ सुप्रीम
कोर्ट भी गए, पर 24 मई, 2012
को सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी दलील खारिज कर
दी ! अंततः तिवारी फंस गए !
दर असल जब रोहित दिल्ली हाईकोर्ट की शरण
में गए ! तब से ये किलियर लगभग
हो रहा था ! कि दाल में कुछ काला है !
लेकिन 22 जुलाई 2012 की आज की
तारीख में जब दिल्ली हाईकोर्ट ने जब फैसला
दिया ! नारायण दत्त तिवारी और
रोहित को लेकर तो उसमें साबित हो गया ! कि
नारायणदत्त तिवारी का
डी.एन.ए.टेस्ट जो कि हैदराबाद की लैब में
किया है ! पोजिटिव है !
87 साल की आयु
में बाप बनना आसान काम है क्या ? आसान भी है और नहीं
भी !
तो अगर इस देश में कोई बूढा जिसकी आयु 80 के ऊपर की हो वो बाप बनना
चाहता है ! तो इसका नुस्खा उत्तर प्रदेश के
माननीय रहे और दिल्ली कोर्ट
द्वारा नाजायज दत्त तिवारी कहलाये गए !
एन.डी.तिवारी से पूछा जा सकता है
! कि पहाड़ों
में जन्मे और पहाड़ों में पले वकालत की सियासत में कूदे !
नारायण दत्त महोदय कैसे ब्राह्मण है
! जो इतनी बर्द्ध अवस्था में जब की
वो चलने के काबिल भी नहीं है ! बाप कैसे बन
गए ! बात है तो मजेदार लेकिन
गम्भीर है ! गम्भीर इसलिए है कि इस उम्र
में जनाब ने नाजायज ( तत्व )
मतलब नारायन दत्त तिवारी ने जो
इतिहास रचा है ! उस बात कि कामना शायद ही
कोई कर सकता है ! या यूँ कह लिया जाए कि
हुजूर नारायण दत्त तिवारी साहब
का रिकॉर्ड तोड़ने वाला है कोई माई का लाल
इस दुनियां में ! कदापि नहीं
होगा ! और हो भी नहीं सकता ! अब आप देखिये
दिल्ली हाई कोर्ट ने आज उनेह
रोहित का बाप करार दिया ! तो शिकवन के
अलावा तिवारी साहब के चेहरे पर कुछ
नहीं था ! बाप बनने पर लोग कितना खुश होते
है ! हर हिन्दुस्तानी ये जानता
है ! और फिर अगर हो एक बेटे का
बाप...........बाप रे बाप ! अरे अपना
मुल्क तो है पुरुष प्रधान और साहब तिवारी
के चेहरे पर शिकवन ? आखिर माजरा
क्या है ? क्यों कोर्ट
को टांग फंसानी पड़ी एक बाप और बेटे के बीच ?
क्यों उलझा मामला देश और क़ानून का ? संविधान लिखने वालो ने शायद ये नहीं
सोचा था !
तिवारी साहब ने जब उज्जवला नाम की उस महिला
का भविष्य कलंकित किया था !
तो उनको ये एहसास नहीं रहा होगा ! कि एक
दिन वो वृद्ध अवस्था में एक बेटे
के बाप कहलायेंगे ! वो बेटा जिनको उन्होने
नाजायज छोड़ दिया था ! अब इस
देश के सभी बूढों का सीना चौड़ा हो जाना
चाहिए ! नारायण दत्त तिवारी को
शर्म भले ही पानी –पानी कर रही हो ! आखिर मर्द है न ! मर्दानगी का
कितना
बड़ा सुबूत दिया है ! ब्रह्मण बुजुर्ग
नारायण दत्त तिवारी ने ! अब 37
साल के रोहित और 87 साल के नारायण दत्त तिवारी !
रोहित ने जब दावा किया था ! कि वो नारायण
दत्त कि नाजायज औलाद है ! तो
तिवारी साहब का कहना था कि मुझे बदनाम करने
की साजिश हो रही है ! उज्जवल
शर्मा के साथ जो साजिश एन. डी.तिवारी महोदय
ने रची थी ! उसको भूल गए !
मजबूरन रोहित को अदालत का सहारा लेना पढ़ा
! अब अदालत तो अदालत है !
फैसला देगी ! आँखों पर पट्टी बांधकर बिना
किसी का पच्छपात किये हुए !
अदालत ने सख्ती दिखाई ! वो भले ही
मुख्यमंत्री रहे हो ,राज्यपाल रहे हो,
केन्द्रीय व् राज्य मंत्री रहे हो, वैसे वो इंदिरा राजीव के चहेते तो थे
ही ,इसमें कोई
दोराह नहीं है ! और नेहरु की कांग्रेस के प्रतिनिधी भी रह
चुके है ! बड़े प्रतिनिधी,नामवर,नामचीन !
मरहूम प.वी.नरसिम्हा राव से पंगा लिया था !
कांग्रेस के अर्जुन को लेकर
तिवारी नाम की कांग्रेस बना डाली थी !
लेकिन एहसास नहीं था !कि एक दिन
जीत रोहित की होगी ! बहरहाल कोर्ट की सख्ती
के बाद मजबूर हो गए बुजुर्ग
तिवारी अपना खून का सैम्पल देने के लिए !
तब ही करीब-करीब ये तय हो गया
था ! कि रोहित अब नाजायज नहीं रोहित तिवारी
हो जाएगा ! और वही हुआ ! 27
जुलाई दिन शुक्रवार दोपहर के ढाई बजे जैसे
ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ये
फैसला किया कि रोहित और उज्जवला शर्मा
दोनों तिवारी बन गए है ! रोहित
शर्मा ने राहत की सांस ली ......रिपोर्ट के
खुलासे के बाद रोहित ने कहा
कि वह किसी की नाजायज आलौद नहीं है ! बल्कि
एन डी तिवारी मेरा नाजायज बाप
है। .
बचपन में गुंजन नाम से पहचाने जाने वाले
रोहित ने बताया कि उनकी माँ
उज्जवला शर्मा और नारायण दत्त के बीच काफी
अरसे से कलेश चल रहा था !
फैसला आने के पहले के दिनों में मीडिया से
कहा गया कि मामले को तूल न दो
! निजता में
झाँकने का किसी को कोई अधिकार नहीं अब बेचारा मिडिया क्या
करे ! सच बोलना धर्म है ! संकट तो एन.
डी.तिवारी का है ! लेकिन थोप
मिडिया पर रहे है ! गलती अब तक नहीं मानी !
तो देश के बच्चों बृद्ध आपको भी होना है !
सीखना आपको पड़ेगा कि आपको
गांधी या मंडेला से प्रेरणा लेनी है या
नारायण ( नाजायज ) दत्त तिवारी से
!
सुनीता दोहरे
प्रबंध सम्पादक / इण्डियन हेल्पलाइन न्यूज़
महिला अध्यक्ष / शराबबंदी संघर्ष समिति
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