सपा क्यों मौन है ? ( सच का आईना )




समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही दलितों और असहायों पर अत्याचार के अंकुर क्यों फूट जाते है ! उत्तर प्रदेश में इन छह महीनों में दलितों पर अत्याचार की वजह साफ़ दिखाई दे रही है !
अखिलेश सरकार में दलितों पर अत्याचार किसी साजिस वश है ! या वोट न देने पर डराने का जरिया मात्र है ! इन चार माह के कार्यकाल के दौरान राज्य में मानवता शर्मशार हो रही है ! क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है ! यादवों के
बलबूते कानून व्यवस्था बनाये रखना  ऐसे में अखिलेश यादव राज कैसे कर
पाएंगे ! अखिलेश सरकार के आने के बाद पुलिस में भय है ! दबी जुबान में सब विरोध कर रहे है ! वर्तमान  समय में प्रदेश के सभी थानों में केवल यादव जाति के थाना-प्रभारियों की नियुक्ति की गई है ! इसलिए ये लोग दलितों और कमजोर वर्ग के लोगों के साथ मनमानी कर रहे है ! सुयोग्य, ईमानदार,और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी,कर्मचारी हाशिए पर खड़े है ! जहाँ तक दलितों की नयी तस्वीर उभर कर आने का प्रश्न है ! मायावती की बहुजन सरकार  के अतासुत होने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं और उनके वर्तमान नौकरशाहों के ढांचे का ये प्रयास रहता है ! कि दलितों को विशेष तौर पर हर सुविधा से वंचित रखा जाये ! और सबसे प्रमुख कारण ! कि वर्तमान सरकार का अपराधियों पर कोई अंकुश नहीं है ! हमारा  भारतीय संविधान धर्मनिर्पेछ वर्ग विहीन,जाति विहीन, प्रजातांत्रिक गणराज्य की स्थापना के आधारभूत  सिद्दांतों की हिमायत करता है ! किन्तु वर्तमान सरकार इसके विपरीत कार्य कर रही है ! जिसके कारण दलितों के प्रति लगातार अत्याचार बढ़ रहे है ! कमजोर वर्ग अपने आपको भयग्रस्त ,असुरक्षित और असहाय  महसूस कर रहा है ! जहाँ तक संवेदनाओं का प्रश्न है ! चाहें दलितों के प्रति या किसी भी वर्ग के प्रति हो मानवीय दृष्टिकोण  में सभी व्यक्ति सामान है ! आज वर्तमान सरकार में कमजोर वर्ग के व्यक्ति ही सर्वाधिक हिंसा और अपराध तथा जुर्म के शिकार हो रहे है ! उनके प्रति आम आदमी के मन में संवेदना है ! और ये संवेदना इसलिए भी जायज है ! कि वर्तमान सरकार के द्वारा मानवीय मूल्यों का हनन किया जा रहा है ! और केवल अपनी जड़ता और जाति कट्टरता के कारण तमाम सामाजिक मूल्यों और कानूनों को दरकिनार कर कार्य किया जा रहा है ! अखिलेश सरकार को चाहिए ! कि उच्च जाति वर्ग के लोगो को प्रभावित करने के लिए निष्पक्ष कार्य प्रणाली अपनाई  जाये ! किसी भी वर्ग के प्रति पक्षपात पूर्ण रवैया न अपनाया जाये ! इस से उच्च वर्ग के लोगों की धारणा निश्चित रूप से समता मूलक समाज के दर्शन में बदलेगी ! जो हीन जाति भावना है ! उस से ऊपर उठेगी ! उच्च वर्ग भी राष्ट्र के समग्र विकास में सहायक होगा और जाति विद्देश्य  समाप्त  होगा !

                                        














सुनीता दोहरे
प्रबंध सम्पादक / इण्डियन हेल्पलाइन न्यूज़
महिला अध्यक्ष / शराबबंदी संघर्ष समिति 

Comments

Popular posts from this blog

इस आधुनिक युग में स्त्री आज भी पुरुषों के समकक्ष नहीं(सच का आइना )

किशोरियों की व्यक्तिगत स्वच्छता बेहद अहम...

10 दिसंबर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस ( सच का आईना )

.देवदासी प्रथा एक घिनौना रूप जिसे धर्म के नाम पर सहमति प्राप्त !

बड़की भाभी का बलिदान . ✍ (एक कहानी ) "स्वरचित"

डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक महान नारीवादी चिंतक थे।

महिला पुरुष की प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि पूरक है(सच का आईना )

कच्ची पक्की नीम निबोली, कंघना बोले, पिया की गोरी

भड़कीले, शोख व अंग-दिखाऊ कपड़ों में महिलाओं की गरिमा धूमिल होने का खतरा बना रहता है...