सपा का सुलगता इतिहास :---( सच का आईना )



15 मार्च 2012 को जब उत्तर-प्रदेश में अखिलेश सरकार की ताजपोशी हुई ! तो
लगा था कि देश के सबसे बड़े सूबे की तस्वीर ही बदल जायेगी ! और देश के
युवा मुख्यमंत्री कुछ अलग हटकर कार्य करेंगें,लेकिन जनता की उम्मीदों पर
वो खरे नहीं उतरे ! अखिलेश सरकार की ताजपोशी के दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जो हंगामा किया,उसका शोर आज तक नहीं थमा है ! अखिलेश सरकार के छह महीने पूरे हुये ! देखा जाये तो तमाम् दावों को सरकते हुये जनता देख रही है ! कानून व्यवस्था में ढीली पकड़,बिजली की खस्ता हालत और जनता के तमाम वादों को झुठलाते हुये अखिलेश सरकार ने छह  महीने तो पूरे कर लिये ! पर इन छह महीनों में सरकार ने इन स्थितियों में कोई अपेक्षित सुधार नहीं किये ! अखिलेश सरकार कुछ वादों से मुकरी भी और पलटी भी ! 
अखिलेश राज में बढ़ता हुआ अपराध :-- ---------------------------------------------
सरकार बनने के कुछ ही दिनों के अन्दर मथुरा जिले के कोसीकलां में 1 जून
2012, दिन शुक्रवार,समय करीब दोपहर के 2 बजे थे ! साम्प्रदायिक दंगा हो
गया चार की मौत हुई, कई घायल हुये ! ये दिन अखिलेश सरकार के लिये प्रदेश में सौहाद्र की द्रष्टि से गहन मंथन का दिन बन गया ! ये दंगा तुरंत कुचल कर समाप्त भी किया जा सकता था ! अगर राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने इसे अपना वोट बैंक ना समझा होता ! इस बात की विधानसभा से लेकर राज्यसभा तक निन्दात्मक चर्चा हुई ! खुद मुख्यमंत्री के ग्रह जिले इटावा में झंडा चढाने को लेकर उठे विवाद में पुलिस फायरिंग से तीन श्रद्रालुओं की मौत हुई ! और इटावा में ही एक ही परिवार में छह लोगों की हत्या हुई !
दूर क्यों जाते हैं सबसे ताजा उदाहरण लीजिये ! दोहरे सी एम ओ हत्याकाण्ड
और एक डिप्टी सी एम ओ की जेल में रहस्मयी मौत से पर्दा आज तक नहीं उठ पाया है ! इस मामले में 22 डाक्टरों को निलंबित तो किया गया ! पर कुछ
डाक्टरों की सरकारी स्तर पर ऊँची पहुँच के कारण इस पर अभियोजन की
कार्यवाही की अनुमति सरकार ने नहीं दी ! झांसी में पत्रकारों की पिटाई का
मामला हो या रेलवे प्लेटफार्म पर किसी विधायक के द्वारा घोड़ा दौड़ाने का
मामला हो ! इन सबको देखा जाये ! तो अखिलेश सरकार की काफी किरकिरी हो रही है !
उत्तर-प्रदेश के मुरादाबाद में बसपा के पूर्व विधायक बलराम सैनी की नौंवी
कक्षा में पढने वाली पोती के साथ सामुहिक बलात्कार का मामला सामने आया ! बात खुलने पर शर्मशार महसूस कर रही पीडि़ता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली !
मेरठ में दिल्ली पुलिस पर हमला हुआ ! और एक व्यक्ति की मौत हो गई ! 
ठीक  इसी  तरह  उत्तर-प्रदेश  में प्रतापगढ  जिले  के  मन्धाता  क्षेत्र
में  भीमराव  अम्बेडकर जूनियर  हाईस्कूल  के  प्रधानाध्यापक  कमलदास
गौतम  ने कक्षा नौवीं  की एक छात्रा को सूनसान  इलाके  में ले जाकर
दुष्कर्म किया ! पुलिस ने प्रधानाध्यापक  को  गिरफ्तार  कर  जेल भेज दिया
! और अभी तक मामले की जाँच की जा रही है !

सबसे शर्मनाक बात ये है ! कि उत्तर-प्रदेश के बदायूं में पुलिस चौकी के
अन्दर पुलिस के रहते हुये ! एक लड़की के साथ बलात्कार हुआ ! पीड़ित लड़की
बड़े सरकार की दरगाह पर जियारत करने आई थी ! उसके साथ परिवार के लोग भी थे ! कोतवाली पुलिस ने मौके से ही आरोपी गोपाल और बाहर बैठे सिपाही को पकड़ लिया !
उत्तर-प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले  के नवाबगंज  में 12 साल  की  एक  दलित
लड़की  की सामूहिक बलात्कार  के  बाद उसकी हत्या कर दी गई !
चुनावी रंजिश की बजह से दलितों पर अत्याचार की घटनायें भी बड़ी हैं !
उन्हैं प्रताड़ित किया जा रहा है ! कानपुर में लगभग दो दर्जन लावारिश लाशें मिलीं थीं ! मृतकों  का पता लगाने में पुलिस प्रशासन नाकाम रहा !
इसी  प्रकार इलाहबाद  के  एक  दबंग  कार्यकर्ता  ने  विश्वविधालय  में
तोड़फोड़  की और दर्जनों सरकारी  वाहनों  को  जलाकर  क्षतिग्रस्त  कर
दिया ! मगर कार्यवाही के नाम पर निर्दोष लोगों की रिर्पोट हुई और दोषियों
को छुआ तक नहीं गया ! इसी तरह अलीगढ़ के एक तालाब में कई नरकंकाल मिले पुलिस और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा ! प्रशासन ने ये तक जानने की कोशिश नहीं की ! कि ये सब क्यों हुआ ? और किसने किया ! इस जगह प्रशासन को चाहिये था ! इसकी बाकायदा जांच की जाये !
अखिलेश राज में अपराधियों का बोलबाला है ! इस सरकार में कई विधायक, सांसद और कुछ मंत्री अपराधी किस्म के हैं ! और हर तरह के कार्यक्षेत्र में इनकी घुसपैठ है ! यही कारण है ! कि अपराध निरंतर बढ़ते जा रहे हैं ! नई सरकार से कानून व्यबस्था को लेकर जनता को काफी उम्मीदें थीं ! सरकार बदल गई पर पुराना ढर्रा नहीं बदला ! और ना ही बदली जनता की किस्मत ! सबसे आश्चर्यजनक बात तो ये है ! कि बिजली बचाने के लिये मांल्स बन्द करने जैसे कई बचकाने फैसलों से अखिलेश सरकार की अच्छी किरकिरी हुई ! इनछह महीनों में पैट्रोल कर्मियों व व्यापारियों से हुई लूट तथा राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या तथा प्राणघातक हमले के कारण प्रदेश की आवाम सहमी हुई है ! ज्ञात हो कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी का बहुमत 6 मार्च को आ गया था अखिलेश मंत्रीमंडल ने 15 मार्च को शपथ ग्रहण की थी ! अखिलेश सरकार के राज में  हर रोज चोरियां,डकैतियां,बलात्कार, भ्रष्टाचार,राहजनी इतनी बढ़ गई है ! कि रात में ही नहीं दिन में भी पूरे प्रदेश में कई हफ्तों तक हर रोज लगातार डकैतियां, लूट, हत्यायें, हुई ! अगर देखा जाये तो  प्रदेश सरकार इन दिनों में कानून व्यवस्था को सुधारने में पूरी तरह विफल रही !
अखिलेश सरकार में तबादला नीति :--- -------------------------------------------
अखिलेश सरकार को बने कुछ ही दिन हुये थे कि अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले भारी मात्रा में किये गये हैं ! बीते हुये इन छह महीनों में
नौकरशाहों पर चुन-चुन कर निशाने लगाये गये ! बहुत बड़े पैमाने पर आई.ए.एस. और आई.पी.एस. अफसरों के तबादले किये गये ! कुछ अफसर तो ऐसे भी हैं ! जिन्होंने एक हफ्ते में कई बार तबादले की मार झेली ! रोज ही अफसरों से लेकर सिपाही तक इधर से उधर भेजे जा रहे हैं ! जो अफसर जी हुजूरी करते हैं उनको मलाईदार विभाग दिया जा रहा है ! चाहैं उस अफसर का रिकार्ड कितना भी गन्दा क्यों न हो वह सपा की निगाह में हीरा है ! ऐसा लगता है कि स्थानान्तरण करना इनका पेशा है!
अखिलेश सरकार और विकास :----- --------------------------------------
उत्तर-प्रदेश की वर्तमान सरकार ने विकास के नाम पर कई योजनायें बनाई !
इटावा में लांयन सफारी की योजना बनाना एक ऐसी ही योजना है ! पर सरकार ने क्या यह सोचा है ! कि पर्यावरण की द्रष्टि से यह एक उपयुक्त स्थान है या
नहीं ! यहाँ के पूरे इलाके में जंगली बबूल फैले हैं ! जिनसे ना तो छांव
मिलती है ! और ना ही उस प्रकार की घास जिनमें शेर आसानी से रह सकें ! न यहां पर वह प्राक्रतिक परिवास है ! जहां पर उस तरह के जानवर हों !
जैसे---हिरन ,सियार.जंगली सुअर इत्यादि ! जिनका शिकार करके शेर जीवित रह सकें ! यहां लम्बे समय से बीमार कोआपरेटिव स्पनिंग और वीविंग्स मिल हैं ! मौजूदा सरकार को चाहिये था ! कि इन कारखानों को पुर्नजीवित करते ! जिससे हजारों परिवारों का पेट भरता ! जिन रूपयों को सरकार लायन सफारी जैसी योजना में लगा रही है ! वही पैसा सरकार चंबल और यमुना से लगे हुये इलाकों में कृषि विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, डेरी जैसे कार्यों  पर खर्च करती तो
जनता का भला होता ! लांयन सफारी योजना से गाँव वाले विस्थापित होंगे ! और उनके कष्ट बहुत बढ़ जायेंगे ! सैकड़ों एकड़ जमीन निगल कर डकार न मारने वाली योजना पर कई सौ करोड़ खर्च होंगे ! पश्चिमी उत्तर-प्रदेश की उपजाऊ जमींन का दुरूपयोग होगा ! और किसान जमीन देने के बाद रोटी को तरसेगा ! मौजूदा सरकार का यह चेहरा बहुत ही कष्टप्रद है !

अखिलेश सरकार और बिजली :--- -------------------------------------
जब राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बिजली की किल्लत से जनता जूझ रही है !
तब कुछ जिलों में बिजली विभाग इतना मेहरबान क्यों है ! इटावा, मैनपुरी,
कन्नौज और रामपुर में पूरे 24 घण्रटे बिजली देने का क्या औचित्य है !
अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव, मुलायम सिंह यादव, डिम्पल यादव के
निर्वाचन क्षेत्रों में 24 घण्टे बिजली रहती है ! जबकि प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बिजली की मारामारी है ! इससे हमें ये जाहिर होता है ! कि प्रदेश के बाकी सब लोगों की इन्हैं परवाह ही नहीं है ! जनता के बीच यही संदेश जा रहा है ! कि ये इनके क्षेत्र हैं ! और समाजवादी पार्टी के बड़े नेता इसका प्रतिनिधित्व करते है ! ये एक सत्तारूढ़ दल के लिये उचित नहीं है ! ये सच है ! कि प्रदेश में बिजली की आपूर्ति और खपत में जरूरत से ज्यादा अन्तर है ! इसलिये बिजली कटौती भी जरूरी है ! पर कटौती का कोई एक निश्चित समय न होने के कारण बिजली की अंधाधुंध कटौती से इस भीषण गरमी में आम आदमी परेशान है !
अखिलेश सरकार और अस्पताल :--- -----------------------------------------
प्रदेश सरकार के अस्पताल खुद भी बुरी तरह बीमार है ! आज प्रदेश की गरीब
जनता के लिये इन अस्पतालों में दवाई और इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
करके डाक्टर अपने कर्तव्य को पूरा समझते हैं ! मरीज घंटों तड़फ कर दम
तोड़ देता है ! और सरकारी डाक्टर अपने प्राईवेट नर्सिंगहोम चलाकर मोटी
कमाई वसूलते हैं ! अखिलेश सरकार क्यों खामोश है ? क्या सरकार को ये बताने की जरूरत है ! कि क्या अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले
डाक्टरों पर कार्यवाही करने के लिये सरकार को चार से पाँच साल चाहिये !
प्रदेश के  हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का बहुत ही बुरा हाल है !
महिला विशेषज्ञों और बाल रोग विशेषज्ञों की भारी कमी है ! न तो कोई सर्जन
है, न दवायें, न एक्सरे मशींनें, न पैथोलाजी लैब, न एम्बुलैंस, न आपरेशन
थियेटर ये सारी सेवायें ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों
में न के बराबर हैं ! क्या सरकार का फर्ज नहीं बनता कि वो इन समस्याओं पर ध्यान दे ! अखिलेश सरकार के वायदों के अनुसार आज तक न तो अपराध कम हुआ ! न ही बिजली पूरी मात्रा में मिली ! और न ही बेरोजगारों को कोई रोजगार मिला ! अखिलेश सरकार के बनने से विकास की गंगा बहने की उम्मीद जो जनता ने लगा रखी थी ! अभी फिलहाल तो जनता के हाथों में निराशा ही है ! मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को सरकार अच्छे से चलाने के उपलक्क्ष में 100 नम्बर दिये थे ! ये 100 नम्बर देने से पहले माननीय मुलायम सिंह जी को ये सोचना चाहिये था ! कि जिसे जनता ने प्रदेश की सत्ता सौंपी है ! उनके कार्यकाल में जनता किस दौर से गुजर रही है ! और किन समस्याओं से जूझ रही है ! यदि प्रदेश सरकार ताजपोशी के दिन से ही जनता की समस्याओं को दूर करने की सोचती ! तो उत्तर-प्रदेश को एक खुशहाल प्रदेश बनाने के लिये ये छह महीने काफी थे ! अखिलेश सरकार के सभी वादे इन छह महीनों में झूठे साबित हुये हैं ! किसानों और नौजवानों को अखिलेश सरकार ने झूठे सपने दिखाये थे ! वे सब अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं !
इस बात पर कोई संदेह नहीं कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
बेहद युवा एंव अनुभवहीन है ! इन सब बातों के बावजूद भी वो उत्तर-प्रदेश
को एक नयी दिशा और प्रगति की ओर ले जाने  के लिये प्रयासरत हैं ! वर्तमान सरकार को एक नयी सोच की जरूरत है ! जहाँ अपराधों को सही तरीके से दर्ज करने के साथ ही पेशेवर अपराधियों की पहचान करा के उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाये !जहाँ युवा पीढ़ी को दरकिनार न किया जाये ! जहाँ सियासत में धर्म का बोलबाला न हो ! जहाँ साम्प्रदायिकता को दूर रखा जाये ! 
वर्तमान सरकार में कानून व्यबस्था एक संवेदनशील मुद्दा है ! कानून व्यवस्था की स्थितियां विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो जाती हैं ! इनमें से कुछ कारण इस प्रकार हैं !
(1) घटित संवेदनशील अपराधों के कारण कानून व्यबस्था !
(2) बच्चों महिलाओं के साथ मार्ग दुर्घटना के कारण उत्पन्न कानून व्यबस्था !
(3) साम्प्रदायिक कारणों से उत्पन्न कानून व्यबस्था !
(4) पुलिस एंव प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिये गये अविवेक पूर्ण
निणर्यों के द्वारा उत्पन्न कानून व्यबस्था !
                एंव
जातियों एंव सम्प्रदायों के मध्य विवादों से उत्पन्न कानून व्यबस्था !....
                                                











सुनीता दोहरे

प्रबंध सम्पादक / इण्डियन हेल्पलाइन न्यूज़

महिला अध्यक्ष / शराबबंदी संघर्ष समिति 


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